Creating a bond with environment

Innovator: Suresh Bhai Occupation: Social Worker Location: Wakenada in Ahmedabad district, Gujarat   Experience doesn’t always lead to a change and change doesn’t always give experience. And what’s the difference between evolution and spiritual experience? Experience creates awareness, and evolution brings about a change in life structure. Evolution doesn’t always give experience. It simply organises the experiences together to heighten knowledge and memories, which in turn help in the evolution of a person. If you are in search of a spiritual path and want to improve your experiences and quality of life without changing your lifestyle, then it’s not possible. However, the practice of love is a very powerful process…

विकास की जड़

अन्वेषक: दिनेश कोठारी व्यवसाय: प्रकाशक स्थान: इदौर, मध्यप्रदेश राजस्थान के प्रतापगढ़ के एक छोटे से कस्बे अरनोद के एक मध्यम वर्गीय परिवार मे जन्मे दिनेश कोठारी का बचपन आज के बच्चों से बेहद भिन्न था। उन्हे कभी पढ़ाई का डर नहीं सताया था। उनके परिवार मे कभी किसी ने उनपर यह दबाव नहीं बनाया की उन्हे पढ़-लिखकर सी॰ए, इंजीनियर या डॉक्टर बनना है। उन्हे बचपन मे खेलने-कूदने की पूरी आज़ादी थी। ना ही उनपर समय का कोई बंधन था, वे बताते है की उनके बचपन का वक़्त खेलने-कूदने मे ही बिता। उस वक़्त किसी पर भी किसी तरह का कोई बंधन नही हुआ करता था। उनकी माँ घर का सारा…

इतिहास से सबक

अन्वेषक: मुज़फ्फर अंसारी आका कल्ले भाई व्यवसाय: इतिहासकार स्थान: चंदेरी,मध्यप्रदेश कहने को तो यह कहानी कल्ले भाई की है पर असल मे यह कहानी उन सभी छोटू की है, जो बचपन की कच्ची उम्र मे इतने पक्के हो जाते है की वो अपना और अपने परिवार का पेट पालने लगते है। वे इतनी छोटी सी उम्र मे दुनिया को समझने लग जाते है। अच्छे-बुरे कि उनकी अपनी एक समझ होती है। इस सबके बावजूद उनका बचपन कभी नहीं मरता । देखों उनको कभी गौर से तो तमाम मुश्किलों के बावजूद वे आपको हँसते-खेलते ही नज़र आएंगे । ऐसे मे सवाल यही उठता है कि बचपन की क्या उम्र होती है?…

नशीले पदार्थ तथा हथियारों से जैविक खेती तक

अन्वेषक: दिनेश गुर्जर व्यवसाय: जैविक खेती स्थान: जोधपुर ,राजस्थान मानव सभ्यता के आरंभ से ही अपराध मानव के मानस की एक स्वाभाविक प्रवृत्ति पायी गयी है। अपराध आज भी हो रहे है और हजारो साल पहले भी हो रहे थे। अपराध और अपराधियों पर हमारा समाज कई हजारों सालों से शोध करता आ रहा है। पर अभी तक कोई यह नहीं बता पाया की एक इंसान अपराधी क्यों बनता है। कुछ सिद्धांतों के अनुसार आपराधिक प्रवृति हमारे खून मे पायी जाती है तो कुछ सिद्धांतों के अनुसार एक अपराधी का जन्म उसके आस-पास बिगड़े हुए सामाजिक वातावरण और उसकी परिस्थितियों के आपसी सम्बन्धों से होता है। आज हम 21 वीं…

हरित जैसलमेर

अन्वेषक: खामीश खान व्यवसाय: स्थाई कृषि स्थान: जैसलमेर,राजस्थान बाड़मेर जिले के छोटे से गाँव मे पले-बढ़े खमीशा खान का बचपन आम बच्चों जैसा बिलकुल नहीं था। जब वो दस वर्ष के थे तब उन्हे लकवा हो गया था। जिसकी वजह से उनकी पढ़ाई छूट गयी और एक साल तक बिस्तर पर ही उनका ज़्यादातर समय बीता। वो बताते है की “जिस दिन उन्हे लकवा हुआ था उससे कुछ ही दिन पहले उन्होंने अपने घर के आँगन मे दो पौधे लगाए थे और बीमारी के वक़्त वो पौधे ही मेरे दोस्त थे। मैं ज़्यादातर उनको देखते हुए ही अपना समय व्यतीत करता था। मेरे अब्बा अक्सर मुझे बताते थे की पेड़-पौधे…

मिट्टी में जीवन

अन्वेषक: ब्रिजेन्द्र प्रजापति व्यवसाय: मिट्टी के बर्तन बनाना स्थान: पलवल,हरियाणा दसवीं कक्षा तक पढ़े बृजेन्द्र को बचपन से ही पढ़ाई मे रुचि नहीं थी। उन्हे अपने गाँव और उससे जुड़ी पारंपरिक चीजों से बेहद लगाव था। अपनी पढ़ाई के वक़्त भी उनका ज़्यादातर समय पारंपरिक खेलों (गिल्ली-डंडा, पिट्ठू आदि) खेलने मे बीतता था। जैसे-जैसे वे बड़े हो रहे थे उनकी पढ़ाई मे रुचि बिलकुल खत्म होती जा रही थी। वे बताते है की “दसवीं तक आते आते वे देखने लगे थे की उनके गाँव के कई युवा साथी नौकरी की तलाश मे गाँव छोड़कर शहर जाने लगे थे। वे शहरों की चकाचौंध मे अंधे होकर वहाँ छोटी-मोटी नौकरियाँ करते थे।…

कुछ सीखना, कुछ सिखाना

अन्वेषक: दीक्षा भाटिया व्यवसाय: शिक्षाविद स्थान: दिल्ली 5 दिसम्बर 1989 के दिन हरियाणा के एक छोटे से शहर हासी में जन्मी दीक्षा भाटिया ने दिल्ली विश्वविद्यालय के जीसस एंड मैरी कॉलेज से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक किया। बाद में Indian Institute of Mass Communication से उन्होने एडवर्टाइजिंग और पब्लिक रिलेशन्स मे अपना मास्टर्स किया। दीक्षा को बचपन से ही रचनात्मक काम करने मे मज़ा आता था। अपने कॉलेज के दिनों के दौरान, वो सक्रिय रूप से नुक्कड़ नाटक व मंच थिएटर से जुड़ी हुई थी। उन्होने कॉलेज के दौरान कई नाटकों के लिए पटकथा लेखन , अभिनय और निर्देशन किया। वह अपने नाटकों के माध्यम से मादक पदार्थों के सेवन,…

दो दोस्त, एक जुनून….

एक, बचपन में, पढ़ाई के साथ ठेले पर पिताजी के साथ कचौरी और समोसे बनाकर बेचता था, दूसरा घरों में काम करता था। एक अपने पिताजी से खाना बनाना सीख रहा था, दूसरा घरों में काम करते हुए औरतों से। दोनो ने अपने रास्ते खुद बनाने की ठानी। दोनां ने साथ में और अलग-अलग देशभर में यात्राएं की। अपने जुनून की खोज में एक ने जड़ी-बूटी से इलाज, कबाड़ से जुगाड़ जैसी चीज़े करके देखीं, तो दूसरे ने नाटक और खेती करना सीखा। अंत में उन्हानें अपने जुनून को खोजा अपने बचपन में, खाना बनाने में, जिसे वे बचपन से करते आये थे। यह कहानी हैं सन्नी और मनोज की।…

बरगद की जड़ें

अन्वेषक: रोहित जैन व्यवसाय: जैविक खेती स्थान: उदयपुर,राजस्थान हमें बचपन से बताया जाता है कि हमें नागरिकों और पर्यावरण के प्रति जागरूक होकर जीना चाहिए परंतु, बहुत कम ऐसे लोग है जो इस तरह की जीवनशैली को जी रहे हैं। मेरा यह प्रयोग ऐसे लोगों की कहानियों को, जो इस तरह का जीवन जी रहे है, समझने का एक प्रयास है। इसी तरह की एक कहानी को समझने का सुनहरा अवसर मुझे अपनी उदयपुर यात्रा के दौरान प्राप्त हुआ। यह कहानी है रोहित जैन की, गाँव मे जन्मे, उदयपुर और पुणे से शिक्षा प्राप्त करने वाले रोहित जैन शैक्षणिक रूप से IT पेशेवर है। पढाई के समय से ही उनका…