सपनो का भारत

अन्वेषक: हसमुख सपनावाला व्यवसाय: शिक्षक स्थान: मंधंगढ़,महाराष्ट्र मैं अपने अगले परिंदे से जब मिला और जब मैंने उनके काम को समझा तब मुझे अपने बचपन और युवावस्था के वो दिन याद आ गए जब मैं सबसे ज्यादा खुश था। यह वो वक़्त था जब मैं मम्मी-पापा के साथ घूमने के लिए मॉल की जगह शहर के बाग-बगीचों मे जाता था । जब मैं दिनभर घर से बाहर दोस्तों के साथ खेलता था। उनके साथ शहर के बाहर पहाड़ों और जंगलो मे घूमने जाता था। जब हम दोस्त नदियों और तलबों मे नहाते थे। पर देखते ही देखते बहुत तेज़ी से वक़्त की हवा बदली और पुस्तकों और परीक्षा के अत्यधिक…

एक स्वस्थ पारिस्थितिक तंत्र के लिए मधुमक्खी पालन

अन्वेषक: अमित घोद्से व्यवसाय: मधुमक्खी पालन स्थान: पुणे, महाराष्ट्र कई बार हम जीवन मे कुछ ऐसी घटनाओं से रूबरू होते है जो हमारे जीवन मे अनिश्चिता का भाव पैदा कर देती है। वैसे भी मानव जीवन सदा से ही अनिश्चिताओं से भरा रहता है। ये घटनाएँ या परिस्थितियाँ कई बार हमारे जीवन की दिशा को बदल देती हैं। ये सारी घटनाएँ हमे कुछ न कुछ सीख दे जाती है, कुछ अनुभव दे जाती है। पर इसके लिए जरूरी है की हम उन घटनाओ को गौर से देखे और उनसे उत्पन्न होने वाली परिस्थितियों मे आत्मवलोकन करे और उनसे खुले मन से कुछ सीखने की इच्छा रखे। यह तभी हो सकता…

वापसी की ओर

अन्वेषक: दीपिका चोर्डिया व्यवसाय: रहने वाले सुविधाप्रदाता स्थान: वेल्हे,महाराष्ट्र भारत आज आबादी के घनत्व के मामले मे एक बहुत बड़ी समस्या से गुजर रहा है। एक तरफ जहाँ बहुत तेज़ी से गावों की आबादी शहरों की ओर पलायन कर रही है, वहीं दूसरी तरफ शहरों को इस बढ़ती हुई आबादी के कारण झुग्गियों की गंदगी को मजबूरन झेलना पड़ रहा है। गांवों में बूढ़े और बच्चों के अतिरिक्त कोई युवा बमुश्किल ही दिखाई पड़ता है। ये झुग्गियाँ और इनकी सारी गंदगियाँ भारत के हर शहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गयी है। इतना महत्वपूर्ण हिस्सा की एक शहर का जीवन इन गंदी बस्तियों के बिना चल ही नहीं सकता है।…

देश कि रगों में नदियाँ

अन्वेषक: राजेश पंडत व्यवसाय: नदी संरक्षण स्थान: नासिक, महाराष्ट्र यह भारत का सौभाग्य है की भारत की भूमि पर फैली हुई नदियाँ उसके लिए बिलकुल वैसा ही काम करती है जैसा की हमारे शरीर मे फैली हुई रक्त वाहनियाँ हमारे शरीर मे रक्त संचार का काम काम करती है। 329 मिलियन हेक्टेयर के विशाल भौगोलिक क्षेत्र मे फैली हुई यह नदियाँ भारत की प्राकृतिक समृद्धि का एक महत्वपूर्ण कारण है। भारत के सांस्कृतिक, आर्थिक, भौगोलिक, धार्मिक और आध्यात्मिक विकास का भार उठाते हुए ये नदियाँ हजारों वर्षों भारत की धरा पर अविरल बह रही है। ये नदियाँ महज एक जल का स्त्रोत ही नहीं है अपितु यह एक पूरा सिस्टम…

किसानो की ओर….

अन्वेषक: मधुकरदास व्यवसाय: जल संरक्षण स्थान: यावतमल, महाराष्ट्र यवतमाल जिला अगर भारत मे मशहूर है तो सिर्फ एक बात के लिए, वो हमारे अन्नदाताओं, किसानों की आत्महत्याओं की वजह से। 2,24,000 हेक्टर का जंगल है इस क्षेत्र में। वर्षा भी सामान्य ही होती है, फिर क्या वजह है जो यहाँ का किसान आत्महत्या कर रहा है। खैर किसान की हालत तो पूरे देश मे लगभग एक जैसी ही है। गरीब वो राजस्थान मे भी है, गरीब वो यहाँ पर भी है। फसल की उचित कीमत उसे पंजाब मे भी नहीं मिलती है, और यहाँ पर भी। लागत उसकी महंगी हरयाणा मे भी हो रही है और यही हाल यहाँ पर…

संरक्षण और परंपरागत ज्ञान बांटने

अन्वेषक: मसुनील देशपांडे व्यवसाय: शिक्षक स्थान: अमरावती , महाराष्ट्र दुनिया के सभी वनवासियों ने प्रकृति के साथ विषम और जटिल परिस्थितियों मे जीना सीख लिया था। ये वनवासी उन इलाकों मे रहते आए है जो जैव विविधता से भरपूर होते हैं। भारत में 68 लाख परिवार 227 वनवासी जातीय समूह से संबंधित है। ये लोग ज्यादातर स्थानीय जंगलों में या उनके करीब रहते हैं और इन्होंने हजारों सालों से इन जंगलों की जैव विविधता को संरक्षित करके रखा हुआ है। इन आदिवासियों को जंगल मे पायी जाने वाली बहुमूल्य वनस्पतियों का अद्भुत ज्ञान है। आदिवासी लोगों का वनों और प्राकृतिक संसाधनों के साथ आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, व्यावहारिक, और परस्परावलंबी संबंध रहा…

किसानो के अधिकारों के लिए कला

अन्वेषक: श्वेता भात्ताद व्यवसाय: कलाकार स्थान: नागपुर,महाराष्ट्र कला/आर्ट एक तरीका है जिसके माध्यम से हम, हमारे अनुभवों को दुनिया के सामने रचनात्मक तरीके से अभिव्यक्त कर सकते है। यह वो तरीका है जिसके माध्यम से एक कलाकार दुनिया को वो दिखाता है जो वो देख नहीं पाती है। जिसके माध्यम से वह कही किसी कोने मे दबी हुई किसी सामूहिक भावना को एक स्वरूप देता है। कला एक जादू है, एक सपना है, परिवर्तन का, एक नयी दुनिया का। हजारों सालों का हमारा इतिहास गवाह है, परिवर्तन के हर दौर मे कला और कलाकारों ने इस दुनिया को एक नया स्वरूप देने मे एक अहम भूमिका निभाई है। एक कलाकार…

जैविक जीवनशैली की ओर

अन्वेषक: अमित अरोड़ा व्यवसाय: अपशिष्ट प्रबंधक स्थान: वडोदरा,गुजरात अँग्रेजी मे एक कहावत है “आउट ऑफ साइट, आउट ऑफ माईंड” आज हमारे देश मे कचरे के प्रति हमारी यही मानसिकता है। हमने हमारे घर की सफाई कर दी और नगर पालिका ने हमारे मोहल्ले की, बस हो गयी ज़िम्मेदारी पूरी। पर किसी ने सोचा है की उस कचरे का क्या होता है? वो हमारे घरों से निकलकर कहाँ जाता है? क्या उसका कुछ और भी प्रयोग हो सकता है? आज से 25-30 साल पहले तक हमारे घरों मे कचरे के रूप से सिर्फ मिट्टी निकला करती थी। बड़े शहरों का तो मुझे ज्यादा नहीं पता पर मेरे घर मे, मेरे शहर…

Learning conservation from tribals

Innovator: Pankaj Joshi Occupation: Forest conservationist Location: Kutch Forests around Bhuj, Gujarat < If there is passion, nothing is impossible. But if there is no passion, then even success and achievements cannot give happiness. The world is full of examples of people who have earned great achievements in life but it didn’t give them the same happiness as a small success in pursuing their passion gave them. And so it won’t be wrong to say that to achieve something in life, passion is as important as breathing is for life. But what is this passion? What gives rise to it? It stems from a dream. When you have a dream,…

आदिवासियों को मजबूती

अन्वेषक: मुस्तु खान व्यवसाय: आदिवासी संस्कृति संरक्षणवादी स्थान: पालनपुर,राजस्थान बचपन मे एक बार मुस्तु भाई(मुस्तफ़ा खान) ने एक दुकानदार के साथ छल किया था। जब वो 9 साल के थे, तब वे एक दुकान पर कुछ सामान लेने गए थे। दुकान में भीड़ अधिक होने के कारण दुकानदार ने जल्दी मे उन्हे समान तो दे दिया पर वो पैसे लेना भूल गया था। दुकानदार ने उनसे पैसे लेने की जगह उन्हे उल्टे कुछ और पैसे लौटा दिये। जब वे घर गए तो उन्होने अपनी अम्मी को इस बारे मे बताया और हँसने लगे। फिर जब यह बात उनके पिताजी को पता चली तो उन्होने उन्हे खूब फटकार लगाई और उन्हे…